उत्तर सीधा है। वे हमारे समाज में धन के नए सोत्र है नाकि ठोस सम्पति। आम तौर पर, हम उन चीज़ों को प्रबंधित करते हैं जिन्हें हम माप सकते हैं. ज्ञान सम्पति धन के नए सोत्र हैं और इसलिए इनको प्रबंधित करना जरूरी है. अगर उन्हें अच्छी तरह से मापा नहीं जा सकता है, तो हम कैसे जान सकते हैं कि हम उन्हें अच्छी तरह से प्रबंधित कर रहे हैं? अगर उन्हें अच्छी तरह से मापा नहीं जा सकता है, तो हम यह कैसे जान सकते हैं की उनके लिए कितने संसाधन निर्धारित किये जाने चाहिए. स्टीवन एम. एच. वाल्मन, प्रस्तावना (इन परसूट ऑफ़ इंटेलेक्चुअल कैपिटल), हिडन वैल्यू , प्रॉफ़िटिंग फ्रॉम द इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी इकॉनमी, संपादित- ब्रूस बर्मन