![](https://baudhiksampada.com/wp-content/uploads/2024/04/9824_Satya_ke_prayog_300.webp)
यह और अन्य प्रयोगों ने इस तरह के घरेलू उपचारों में मेरा विश्वास बढ़ाया और अब मैं उनके साथ अधिक आत्मविश्वास से आगे बढ़ता हूं। मैंने अपने प्रयोगों का दायरा बढ़ाया और घावों, बुखार, बदहजमी, पीलिया और अन्य शिकायतों के हालातों में उपचार के लिए मिटी , पानी और उपवास का प्रयोग किया। ज्यादातर अवसरों में सफलता प्राप्त हुई। लेकिन, आजकल मुझमें वो विश्वास नहीं है जो दक्षिण अफ्रीका में था, और अनुभव ने यहभी दर्शाया है कि इन प्रयोगों में स्पष्ट जोखिम शामिल हैं।ये संदर्भ इन प्रयोंगों की सफलता के प्रदर्शन के लिए नहीं हैं. मैं किसी भी प्रयोग के लिए पूर्ण सफलता का दावा नहीं कर सकता। यहां तक कि चिकित्सा पुरुष अपने प्रयोगों के लिए भी ऐसा कोई दावा नहीं कर सकते। मेरा उद्देश्य केवल यह दिखाना है की जो नए प्रयोगों की ओर जाना चाहते हैं, उन्हें स्वयं से शुरू करना चाहिए। उस से सत्य की खोज जल्दी होती है और ईश्वर सच्चे प्रयोगकर्ता की हमेशा रक्षा करता है.
अंश- सत्य के प्रयोग अथवा आत्मकथा, एम.के. गांधी